सहारसा और आजमनगर रोड स्टेशन को मिली बड़ी सौगात

 बिहार के कोसी इलाके की जनता के लिए रेलवे ने एक बेहद अहम तोहफा दिया है। सहरसा जंक्शन तक अब दो महत्वपूर्ण स्कोटिया का विस्तार हो चुका है, वहीं आजमनगर रोड रेलवे स्टेशन पर भी कई नई क्रैटिक्स का स्टैंसिल शुरू हो गया है। इन बदलावों से न केवल यात्रियों की सुविधा का समावेश होगा, बल्कि सहारासा और आसपास के क्षेत्र के देशों के बड़े शहरों से संपर्क और समिति होगी।



सहरसा तक लंबी दूरी की दो ट्रेनें

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने न्यूनमुना मिनेसोटा चंद्र यादव की मांग पर सहरसा जंक्शन तक दो रिकॉर्ड्स का विस्तार किया है।

  1. पटना (पटलिपुत्र) - एस.एम.वी.टी. बेंगलुरु सुपरफास्ट एक्सप्रेस (22351/22352)

  2. पुणे - बरौनी एक्सप्रेस (19483/19484)

पहली ट्रेन से सहरसा के यात्रियों को बिहार की राजधानी पटना और दक्षिण भारत के आईटी हब कॉलेज तक सीधी सुविधा मिलेगी। वहीं दूसरी ट्रेन सहरसा को गुजरात के मील से जोड़ेगी। इससे न केवल रोज़गार और व्यवसाय के अवसर बढ़ेंगे बल्कि छात्रों और कामकाजी लोगों को भी राहत की यात्रा में लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी।

आजमनगर रोड स्टेशन पर नए स्टैंस्ट

आजमनगर रोड स्टेशन, जो अब तक कई यात्रियों के लिए केवल पारगमन का ज़रिया था, अब बड़े बदलावों का गवाह बना है। यहां पर रोस्टर का स्टैंस्ट शुरू हो गया है—

  • हावड़ा – राधिकापुर कुलिक एक्सप्रेस (13053/13054)

  • कोलकाता-राधिकापुर एक्सप्रेस (13145/13146)

साथ ही सबसे पहले बंद स्टैंट को भी बहाल किया गया है—

  • कंचनजंघा एक्सप्रेस

  • तीस्ता टोरसा एक्सप्रेस

इन स्थिरताओं से उत्तर बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच यात्रा करने वालों को बड़ी राहत मिलती है। यात्रियों को अब छोटे देश से भी बड़ी स्टॉक में यात्रा का मौका मिलेगा।

उद्घाटन समारोह और राजनीतिक सरगर्मी

इन नये स्थिरता और विस्तार को लेकर सहरसा और आजमनगर रोड स्टेशन पर उद्घाटन समारोह का आयोजन हुआ। इस मौक पर न्यूनतम तारीक बैसाही और स्थानीय विधायक निशा सिंह ने संयुक्त रूप से ग्रीन क्वेलिन स्टेक को छोड़ दिया।

हालाँकि, कार्यक्रम के दौरान राजनीतिक हलचल भी देखने को मिली। बीजेपी और नामांकन के बीच इस बात को लेकर विवाद हुआ कि श्रेय की बात किसे दिया जाए—सांसद को या विधायक को। थोड़ी देर की नोकझोंक के बाद सांता क्लॉज़ का जश्न मनाया गया और सभी कलाकारों ने मिलकर यह जश्न मनाया।

यात्रियों के लिए लाभ

इन निर्णयों का सीधा लाभ यात्रियों को मिलेगा।

  • सहरसा अब सीधे दक्षिण भारत और पश्चिम भारत से जुड़ गया है।

  • स्थानीय यात्रियों को छोटे व्यापारियों पर भी बड़ी ऑर्डर की सुविधा मिलती है।

  • व्यापार, रोज़गार और शिक्षा के अवसर बढ़ेंगे।

  • कोसी क्षेत्र का देश सहयोग और साझेदारी होगी।

निष्कर्ष

रेलवे का यह कदम सहरसा और आजमनगर रोड इलाके की दशकों पुरानी मांग को पूरा करता है। यहां के लोग अब बिना किसी अतिरिक्त परेशानी के लंबी दूरी की यात्रा कर सकते हैं। यह बदलाव न केवल यात्रा को सशक्त बनाएगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास में भी अहम भूमिका निभाएगा।