तीन दिग्गज के बीच मुकाबला
मधेपुरा लोकसभा बनने के बाद पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं दिनेश चंद्र यादव ।
शम्भू झा व रमेश की रिपोर्ट
मधेपुरा को एक तरफ देवाधिदेव बाबा सिंहेश्वर नाथ की धरती तो दूसरी ओर कोसी नदी की तेज धार की तरह बड़े बदलाव की भूमि माना जाता है। सिंहेश्वर नाथ मंदिर मधेपुरा जिले के सिंहेश्वर प्रखंड में है। हालांकि, सिंहेश्वर विधानसभा क्षेत्र सुपौल संसदीय क्षेत्र में शामिल है लेकिन बाबा सिंहेश्वर नाथ की ख्याति उत्तर बिहार और नेपाल के तराई इलाके में फैली है।
यहां मतदाताओं की खामोशी के बीच इस बार राजनीति के तीन दिग्गजों के बीच चुनावी महामुकाबला होने की स्थिति बन रही है। हालांकि मधेपुरा लोकसभा सीट पर 13 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं। जीत- हार किसकी होगी यह तो भविष्य बताएगा लेकिन चुनाव की धारा तीन हिस्सों में बंटती दिखायी देने लगी है। एनडीए के जदयू प्रत्याशी दिनेश चंद्र यादव, महागठबंधन के राजद प्रत्याशी शरद यादव और जाप प्रत्याशी राजेश रंजन ऊर्फ पप्पू यादव ने चुनावी जंग को फतह करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।
यहां मतदाताओं की खामोशी के बीच इस बार राजनीति के तीन दिग्गजों के बीच चुनावी महामुकाबला होने की स्थिति बन रही है। हालांकि मधेपुरा लोकसभा सीट पर 13 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं। जीत- हार किसकी होगी यह तो भविष्य बताएगा लेकिन चुनाव की धारा तीन हिस्सों में बंटती दिखायी देने लगी है। एनडीए के जदयू प्रत्याशी दिनेश चंद्र यादव, महागठबंधन के राजद प्रत्याशी शरद यादव और जाप प्रत्याशी राजेश रंजन ऊर्फ पप्पू यादव ने चुनावी जंग को फतह करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।
लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक यादव जाति के मतदाता करीब साढ़े तीन लाख हैं। करीब दो लाख मुस्लिम मतदाता हैं। ब्राह्मण, राजपूत, मुसहर और दलित का भी एक- एक लाख से अधिक वोट है। इसके अलावा करीब साढ़े चार लाख पचपनिया वोट है। यादव और मुस्लिम वोट राजद का आधार माना जाता है तो एनडीए सवर्ण, वैश्य और पचपनिया वोट पर दावा करता है। इन जातिगत समीकरणों के बीच जाप प्रत्याशी लोकसभा क्षेत्र में हर जाति और समुदाय के वोट को अपने साथ जोड़ने में लगे हैं।