उड़ीसा मे आये तुफान का नाम , फानी ही क्यो रखा गया आखिर क्या है रहस्य




राज जयसवाल की रिपोर्ट

उड़ीसा मे आये फानी नाम का तुफान तबाही कर अपने पीछे बर्बादी का मंजर छोड़ गया लेकीन इस च्रकवात के नाम को लेकर लोगो भम्र की स्थिती बनी रही इसे कोइ फैनी कह रहा है तो कोई फानी तो कोई फाणी , दरअसल च्रकवात का नाम बाग्लादेश के सुझाव पर फणि रखा गया और इसे वहा फोनि नाम से उच्चारण किया जाता रहा वहा इसके स्थानिय मायने साँप होता है अग्रेजी मे इसे फानी लिखा जा रहा है , जिसकी वजह से इसे हिन्दी मे इसका उच्चारण फनी या फणी प्रचलित हो गया बता दे कि फनी जैसा विनाशकारी तुफान पिछले 52 बर्षो मे मई माह मे टकराने वाला दसवाँ तुफान रहा इसके पहले 1968, 1976, 1979, 1982,1997, 1999,  और 2001 मे मई माह मे इसी तरह के च्रकवात आते रहे है ।आमतौर खतरनाक तुफान भारत के पूर्वी तट पर मानसुन के मौसम अक्टुबर और दिसम्बर महिने मे दस्तक देते है एवं च्रकवात भारत के तटवर्ती इलाके के राज्य खासकर उड़ीसा , बंगाल , गुजरात , गोवा तमिलनाडु प्रभावित होते है ।फानी तुफान से सबसे ज्यादा नुकसान उड़ीसा के लोगो को हुआ है लगभग 12 लाख लोग को च्रकवात प्रभावित इलाको से सुरक्षित जगहो पर ले जाए गयें उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन को बहुत भारी नुकसान पहुचा है यहा तक कि रेलवे स्टेशन के शेड तक तबाह हो गए ।