पीएनबी कर्मचारी करते हैं अमर्यादित भाषा का प्रयोग

लगातार बैंक की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल से बेशक बैंक में कार्यरत कर्मचारियों पर नहीं परे लेकिन आम जनता को इस कड़कती धूम और लॉक डाउन में परेशानी का सामना करना ही पड़ता है । 
पंजाब नेशनल बैंक के स्थानीय शाखा के लिए एक आम बात हो गई है । इस बैंक के कार्यरत कमीं का व्यवहार ऐसा प्रतीत होता है जैसे आम जनता इनके ही टुकड़े पर जी रही है या बैंक अपने घर से पैसा दे रही है । इस बैंक में सुविधा उन लोगों के लिए है जो इनमें कार्यरत कर्मी के अपने खास हो । शाखा में जितने भी कर्मचारी है उनमें अधिकतर स्थानीय ही हैं जिस वजह से वे अपने जान पहचान के लोगों को ही एहमियत देते हैं । बैंक के सामने लोग घण्टों खुलने के इंताजर करते हैं और लोग सोसल  डिस्टेंस को बनाये रखने में असमर्थ दिखते हैं । बैंक कर्मी बैंक में ताला मारकर अंदर अपने लोगों का का करती है। बेहरी से आये दिलीप कुमार ने बताया कि न बैंक के प्रबंधक का पता रहता है और न ही कर्मचारी का जिससे बात करो बत्तमीजी से बात करता है । उन्होंने बताया कि 23 मार्च को 1 लाख रुपये का चेक जमा किया था और स्टेटमेंट मांगने पर कभी लिंक तो कभी कर्मचारी के लहिं रहने की बात करके आज कल कर रहे हैं । जदयू सेवा दल के जिलाध्यक्ष दीपक यादव ने बताया कि सारी सुविधा जान पहचान वालों को दी जाती है । इसके लिए लाइन में लगना भी जरूरी नहीं है । गौरीपुर निवासी रमन कुमार ने कहा कि लॉक डाउन की वजह से पैसे खत्म हो गए थे थोड़े बहुत पैसे निकालने आओ तो बैंक कर्मी सौतेला व्यवहार करते हैं । जबकि गौरीपुर के मुकेश कुमार ने कहा कि बैंक के बाहर ये लिख देना चाहिए कि ये बैंक सिर्फ बैंक कर्मचारियों के रिश्तेदारों के लिए है आप लोग को सेवा नहीं दी जाएगी । इनका कहना है कि बैंक में स्थानीय लोगों को स्टाफ के तौर पर रखना ही नहीं चहिये । यदि प्रबंधन से शिकायत भी करो तो कोई फर्क नहीं पड़ता । स्थानीय लोगों में बैंक की विश्वसनीयता कम होती जा रही ह और लोगों में आक्रोश पनप रहा है ।
रिपोर्ट तेज़थिंक न्यूज़
 संवाददाता- मुकेश कुमार
सिंहेश्वर, मधेपुरा