दर्शन परिषद्, बिहार का फोल्डर जारी


दर्शन सभी विषयों की जननी है। इसी से ज्ञान-विज्ञान के सभी विषयों का विकास हुआ है। यह बात प्रति कुलपति डाॅ. फारूक अली ने कही। वे सोमवार को दर्शन परिषद्, बिहार के वार्षिक अधिवेशन का नया फोल्डर जारी कर रहे थे। यह अधिवेशन 20-22 मार्च, 2020 को भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा में आयोजित होगा। प्रति कुलपति ने कहा कि आज समाज एवं राष्ट्र में भ्रष्टाचार, वैमनस्य एवं हिंसा बढ़ती जा रही है। इसका मुख्य कारण नैतिकता का ह्रास है। इसे दूर करने के लिए प्राथमिक स्तर से  दर्शनशास्त्र की पढ़ाई शुरू करने की जरूरत है। साथ ही सभी संकायों के विद्यार्थियों के लिए नैतिक दर्शन की पढ़ाई अनिवार्य करना आवश्यक है।

मुख्य विषय-शिक्षा, समाज एवं संस्कृति

प्रति कुलपति ने बताया कि यह अधिवेशन भारत सरकार के अंतर्गत संचालन भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा संपोषित है। इसका मुख्य विषय शिक्षा, समाज एवं संस्कृति रखा गया है। इस विषय को केंद्र में रखकर एक स्मारिका का प्रकाशन किया जाएगा। इसके लिए कई गणमान्य राजनेताओं एवं शिक्षाविदों का शुभकामना संदेश प्राप्त हो चुका है। लगातार देश के  विभिन्न विश्वविद्यालयों के विद्वानों का शोध-सार एवं शोध-आलेख प्राप्त हो रहे हैं। शोध सार एवं शोध आलेख एक मार्च 2020 तक भेजा जा सकता है।
सम्मेलन में प्रस्तुत किए गए चुनिंदा आलेखों को पुरस्कृत भी किया जाएगा। साथ ही उसे परिषद् की शोध-पत्रिका 'दार्शनिक अनुगूँज' में निःशुल्क  प्रकाशित किया जाएगा।  

इस अवसर पर कुलसचिव डाॅ. कपिलदेव प्रसाद, परीक्षा नियंत्रक डाॅ. नवीन कुमार, विकास पदाधिकारी डाॅ. ललन प्रसाद अद्री, उप कुलसचिव पंजीयन डाॅ. दीनानाथ मेहता, जनसंपर्क पदाधिकारी डाॅ. सुधांशु शेखर, अल करीम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डाॅ. आनंद प्रसाद, एसएकेएनडी काॅलेज, मधेपुरा के प्रधानाचार्य डाॅ. देव प्रकाश, ईवनिंग कॉलेज, सहरसा के अनिल कुमार साह, संत अवध कीर्ति नारायण डिग्री कालेज, मधेपुरा के रामलखन प्रसाद, अजय कुमार भास्कर, यूएमआईएस के आशुतोष कुमार आदि उपस्थित थे।

मिलेंगे कई पुरस्कार

अधिवेशन में पांच विभागों (समाज दर्शन, धर्म दर्शन, नीति दर्शन, तत्वमीमांसा एवं ज्ञानमीमांसा) के अंतर्गत शोध-पत्र प्रस्तुत किए जाएँगे। इन विभागों में 35 वर्ष से कम आयु के लोगों द्वारा पढे जाने वाले श्रेष्ठ पाँच आलेखों (प्रत्येक विभाग में एक) पर जे. एन. ओझा स्मृति युवा पुरस्कार (प्रत्येक पुरस्कार  एक हजार रूपये का) प्रदान किया जाएगा। इसी तरह 35 वर्ष से कम उम्र के पाँच अन्य लोगों को एक-एक हजार का डाॅ. विजय श्री स्मृति युवा पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा सभी विभागों में प्रस्तुत एक सर्वश्रेष्ठ आलेख पर दो हजार रुपये का प्रोफेसर सोहनराज लक्ष्मीदेवी तातेड़, जोधपुर (राजस्थान) पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।


बारह विद्वानों का होगा विशेष  व्याख्यान
अधिवेशन में देश के बारह विद्वानों का व्याख्यान होगा।    इनमें डाॅ. रमेशचन्द्र सिन्हा एवं डाॅ. एच. एस. प्रसाद (नई दिल्ली), डाॅ. जटाशंकर (इलाहाबाद), डाॅ. सभाजीत मिश्र (गोरखपुर), डाॅ. सोहनराज तातेड़ (जोधपुर), डाॅ. सरस्वती मिश्रा (राँची), डाॅ. महेश सिंह (आरा), डाॅ. आई. एन. सिन्हा, डाॅ. एन. पी. तिवारी एवं डाॅ. पूनम सिंह  (पटना), डाॅ. प्रभु नारायण मंडल एवं डाॅ. शंभु प्रसाद सिंह (भागलपुर) के नाम शामिल  हैं। व्याख्यान कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व सांसद, पूर्व कुलपति एवं सुप्रसिद्ध गाँधीवादी विचारक डाॅ. रामजी सिंह (भागलपुर) करेंगे।

बिहार की दार्शनिक एवं सांस्कृतिक विरासत पर होगी विशेष संगोष्ठी

अधिवेशन के अवसर पर दो विशेष संगोष्ठियाँ भी आयोजित की गई हैं। पहली संगोष्ठी का विषय 'बिहार की दार्शनिक एवं सांस्कृतिक विरासत' है।

इसमें डाॅ. अरूण मिश्र (नई दिल्ली), डाॅ. अविनाश कुमार श्रीवास्तव (नालंदा), डाॅ. अमरनाथ झा (दरभंगा), डाॅ. सुधा जैन (वाराणसी), डाॅ. अरूणाभ सौरभ (भोपाल), डाॅ. अमिता जायसवाल एवं डाॅ. प्रणय प्रियंवद (पटना), डाॅ. शिवशंकर सिंह पारिजात, डाॅ. रमण सिन्हा एवं डाॅ. रविशंकर कुमार चौधरी (भागलपुर), डाॅ. भूपेंद्र नारायण यादव मधेपुरी, डाॅ. रामनरेश सिंह, डाॅ. रेणु सिंह,  डाॅ. एम. आई. रहमान,डाॅ. सिद्धेश्वर काश्यप, डाॅ. कमल मोहन चुन्नु एवं हर्षवर्धन सिंह राठौर (मधेपुरा) अपना आलेख प्रस्तुत करेंगे।

'गाँधी 150 : विमर्श एवं विकल्प' विषयक विशेष संगोष्ठी आयोजित की जाएगी

दूसरी संगोष्ठी 'गाँधी 150 : विमर्श एवं विकल्प' पर केन्द्रित है। इसमें डाॅ. आलोक टंडन  (हरदोई), किशन कालजयी (नई दिल्ली), डाॅ. विजयकांत दुबे (वाराणसी), स्वयं प्रकाश (पटना), डाॅ. प्रभाष कुमार  (नालंदा), डाॅ. सरोज कुमार वर्मा (मुजफ्फरपुर), डाॅ. राजीव कुमार (दरभंगा), डाॅ. शैलेन्द्र कुमार (बोधगया), डाॅ. गिरीश चंद्र पाण्डेय (मुंगेर), डाॅ. ईश्वरचंद (खगड़िया), डाॅ. परमानंद सिंह, डाॅ. राजेश रंजन तिवारी, डाॅ. विजय कुमार, डाॅ. उमेश प्रसाद नीरज, डाॅ. अमित रंजन सिंह एवं डाॅ. शंभु पासवान (भागलपुर), डाॅ. अबुल फजल (मधेपुरा) अपना विचार व्यक्त करेंगे।

कोर कमिटी का गठन

अधिवेशन की तैयारी हेतु कोर कमिटी का गठन किया गया है। कुलपति डाॅ. अवध किशोर राय इसके प्रधान संरक्षक एवं प्रति कुलपति डॉ. फारूक अली संरक्षक होंगे। विश्वविद्यालय दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष सह मानविकी संकायाध्यक्ष डॉ. ज्ञानंजय द्विवेदी, टी. पी. काॅलेज, मधेपुरा के प्रधानाचार्य डाॅ. के. पी. यादव एवं पार्वती साइंस काॅलेज, मधेपुरा के प्रधानाचार्य  डॉ. राजीव सिन्हा को  स्वागताध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है।  दर्शनशास्त्र विभाग, टी. पी. काॅलेज, मधेपुरा के अध्यक्ष डॉ. शिवशंकर कुमार, मधेपुरा काॅलेज, मधेपुरा के प्रधानाचार्य डॉ. अशोक कुमार, यूभीके काॅलेज, कड़ामा के प्रधानाचार्य डॉ. माधवेन्द्र झा एवं एएलवाई काॅलेज, त्रिवेणीगंज के प्रधानाचार्य डॉ. जयदेव प्रसाद यादव को संयोजक बनाया गया है।