सरकार द्वारा शिक्षको के विरुद्ध अनैतिक दमनात्मक कार्रवाई के विरोध एवं अपनी सात सूत्री मांगों के समर्थन में राज्य के सभी जिला मुख्यालय पर विशाल आक्रोश मार्च निकाला गया ।

बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति पटना के निर्देशानुसार :
नियोजित शिक्षक अपने सात  सूत्री मांगों को लेकर ज़िला मुख्यालय में धरना-प्रदर्शन किये। 
नियोजित शिक्षकों के मांगे इस प्रकार है 


1 👉नियोजित शिक्षकों को पुराने नियमित शिक्षकों की भांति वेतनमान सेवा शर्त राज्य कर्मी का दर्जा  देना ।
2 👉मृत शिक्षकों के आश्रितों को नियम में शिथिलता करते हुए शिक्षक पद पर नियुक्ति करना ।
3 👉पुरानी पेंशन योजना का लाभ सभी शिक्षकों को देना ।
4 👉सामान्य भविष्य निधि एवं ग्रुप बीमा का लाभ सभी शिक्षकों को देना ।
5 👉शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु को 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष करना ।
6 👉सभी प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक का पद सृजित  करते हुए अविलंब उस पद पर पदस्थापन करना  ।
7 👉 T E T  शिक्षकों के वेतन विसंगति को दूर करना ।

शिक्षकों पर किए गए दमनात्मक कार्रवाई को वापस लेते हुए उपर्युक्त सभी मांगों को मानी जाए 
नियोजित शिक्षकों ने कहा कि 
 सरकार को इन सभी माँगो क मानना होगा तभी बिहार में शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार होगा और गरीबों के बच्चे सुशिक्षित होंगे । अच्छे समाज का निर्माण होगा ।
  जिलाधिकारी घेराव  कार्यक्रम में कारगिल चौक से लेकर के जिलाधिकारी कार्यालय पटना तक शामिल होने वाले प्रमुख नेताओं में थे आनंद मिश्रा प्रदेश महासचिव परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ  नागेंद्र नाथ शर्मा महासचिव प्राथमिक शिक्षक संघ शिवेंद्र पाठक मनोज कुमार प्रेमचंद मोहम्मद मुस्तफा हरिओम निराला कामेश्वर प्रसाद यादव मनोज चौरसिया सहित हजारों की संख्या में महिला शिक्षक  उपस्थित थे
रिपोर्ट तेज़थिंक न्यूज़
 05/03/2020 
सुरज कुमार/पटना (बिहार)