प्रशासनिक आदेश की उर रही धज्जियाँ, कई निजी शिक्षण संस्थान नहीं हुए हैं बन्द

मंझौल: अनुमंडल मुख्यालय मंझौल स्थित अनुमंडलीय कोर्ट, अनुमदलदण्डाधिकारी कोर्ट परिसर में सिर्फ विशेष कार्यों का सम्पादन किया जा रहा है। सभी सरकारी 
सहित ज्यादातर निजी शिक्षण संस्थान बन्द हैं। बस स्टैंड सत्यारा चौक एस एच 55 सहित मंझौल पबरा क्षेत्र की कई महत्वपूर्ण सड़कों पर जलजमाव और कचरा के 
फैले होने से बीमारी फैलने की आशंका से मनाही नहीं किया जा सकता । वाबजूद इसके अनुमंडल मुख्यालय होने पर भी अभी तक प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां नगण्य दिख रही है। कोरोना वायरस को लेकर वैश्विक आपात घोषित है। बिहार सरकार ने 31 मार्च तक पूरे प्रदेश के शैक्षणिक संस्थान सहित भीड़ भाड़ बाली सभी जगहों को बंद रखने का निर्णय लिया है।वाबजूद इसके स्थानीय प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी इसको लेकर आदेश पर पहल करते दिखाई नहीं पर रहे हैं। लेकिन आदेश के कई दिन बीतने के बाद भी बुधवार को मंझौल में ज्यादातर निजी कोचिंग और विद्यालय खुले हुए हैं। जिसमे छात्र छात्राओं अन्य दिनों की तरह नियमित पढ़ाई हो रही है। ऐसे में कोरोना संक्रमण को फैलने को लेकर क्षेत्र की जनता में दहशत का माहौल कायम है। छात्र संगठन अभाविप के जिला संयोजक कन्हैया कुमार, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सत्यम कुमार, अमृतांशु सिंह, शिवम वत्स आदि ने कहा कि अभाविप कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने में सरकार के साथ है लेकिन स्थानीय स्तर पर प्रशासन की सुस्ती के कारण कोई भी पहल नहीं हो पाया है। क्षेत्र में अभी खुले हुए निजी शिक्षण संस्थान को बंद करवाने की मांग हम जिला प्रशासन से करते हैं। जिससे इस आपातकाल की स्थिति में क्षेत्र की जनता सुरक्षित रहे।
रिपोर्ट तेज़थिंक न्यूज़
यशवंत कुमार/ बेगूसराय