कोरोना संकट में सभी अधिकारी तत्परतापूर्वक अपने कर्तव्यों का करें निवर्हनः जिलाधिकारी।


 कोरोना महामारी जैसे वैश्विक संकट से पूरा देश, राज्य और जिला जूझ रहा है। इस संकट की घड़ी में बाहर से बहुत सारे प्रवासी श्रमिकों का आगमन हमारे जिले में हो रहा है। इन प्रवासी श्रमिकों को प्रखंड, पंचायत एवं ग्राम स्तर के क्वारंटाइन सेंटर में 14 दिनों तक रखा जा रहा है।
 सरकार द्वारा दी जाने वाली सभी सुविधाओं का लाभ इन प्रवासी श्रमिकों को हर हाल में मिलना चाहिए। इस हेतु सभी पदाधिकारियों को तत्परतापूर्वक अपने कर्तव्यों का निवर्हन करना होगा। जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार ने कहा कि राज्य के बाहर से आ रहे प्रवासी श्रमिकों का पंजीकरण प्रखंड स्तर पर ही होगा। इसके उपरांत ही उन्हें प्रखंड, पंचायत या फिर ग्राम क्वारंटाइन सेंटर में भेजा जायेगा। उन्होंने कहा कि ट्रेन एवं बसों के अतिरिक्त अन्य साधनों से जो प्रवासी श्रमिक अपने गांव पहुंचे है, उनका भी पंजीकरण करना आवश्यक है। वे 19 मई की देर संध्या एनआइसी के सभागार में प्रखंडों के वरीय प्रभारी पदाधिकारियों के साथ आयोजित समीक्षात्मक बैठक में बोल रहे थे।
 जिलाधिकारी ने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग के निदेशानुसार दिल्ली, मुम्बई, पूणे, सुरत, अहमदाबाद, कोलकाता से आने वाले प्रवासी श्रमिकों को प्रखंड स्तरीय क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाय। वहीं महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश, तमिलनाडु एवं हरियाणा राज्य से आये प्रवासी श्रमिकों को पंचायत स्तरीय क्वारंटाइन सेंटरों में रखा जाय। इन राज्यों के अतिरिक्त अन्य राज्यों से जिले में आये प्रवासी श्रमिकों को ग्राम स्तरीय क्वारंटाइन सेंटर में रखना सुनिश्चित किया जाय।
 उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों के आगमन को देखते हुए पंचायत स्तर पर और क्वारंटाइन सेंटर बनाने की आवश्यकता है। पंचायत स्तरीय क्वारंटाइन सेंटर का प्रभारी किसी पंचायत स्तरीय कर्मी यथा-पंचायत सेवक, राजस्व कर्मचारी, पंचायत रोजगार सेवक, इंदिरा आवास सहायक, कृषि समन्वयक, पंचायत तकनीकी सहायक (मनरेगा), पंचायत तकनीकी सहायक (पंचायती राज), लेखापाल-सह-आईटी सहायक, पंचायत कार्यपालक सहायक को बनाया जा सकता है। इनके सहयोग हेतु पंचायत स्तर के अन्य कर्मी/संबंधित विद्यालय के शिक्षक आदि को प्रतिनियुक्त किया जा सकता है। 
 वहीं ग्राम स्तरीय क्वारंटाइन सेंटर हेतु संबंधित राजस्व ग्राम में अवस्थित बड़े एवं उपयुक्त मध्य विद्यालय/प्राथमिक विद्यालय का चयन किया जाय।  प्रत्येक ग्राम स्तरीय क्वारंटाइन सेंटर का प्रभारी संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक/प्रभारी प्रधानाध्यापक को बनाया जा सकता है। इनके सहयोग के लिए उसी विद्यालय अथवा उस राजस्व ग्राम में अवस्थित अन्य विद्यालय के शिक्षक को प्रतिनियुक्त किया जाय।
 जिलाधिकारी ने कहा कि संबंधित ग्राम पंचायत के मुखिया/सरपंच एवं वार्ड सदस्य/पंच इस बात का ध्यान रखेंगे कि ग्राम स्तरीय क्वारंटाइन सेंटरों में रह रहे प्रवासी श्रमिक कैम्पों से क्वारंटिन अवधि में बाहर नहीं जा पाये। सभी पंचायत प्रतिनिधि पंचायत स्तरीय एवं ग्राम स्तरीय क्वारंटाइन कैम्पों के संचालन एवं व्यवस्थाओं का नियमित रूप से अनुश्रवण करेंगे। 
 उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कहा कि प्रखंड, पंचायत अथवा ग्राम स्तरीय क्वारंटाइन सेंटरों में लाये गये प्रवासी श्रमिकों एवं अन्य लोगों की चिकित्सीय जांच के क्रम में यदि किसी व्यक्ति में कोविड-19 संक्रमण का लक्षण पाया जाता है तो उसे स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित निकटतम हेल्थ क्वारंटाइन सेंटर में शीघ्र भेजना सुनिश्चित किया जाय। 
 जिलाधिकारी ने कहा कि कोरोना महामारी के मद्देनजर प्रवासी श्रमिकों को सरकार द्वारा दिये जाने वाले लाभ के लिए इनका बैंक एकाउंट्स नंबर, आधार संख्या आदि का सतर्कतापूर्वक इन्ट्री सम्पूर्ति/कोविड पर किया जाय ताकि बाद में किसी भी परेशानियों से बचा जा सके।
 इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक, श्रीमती निताशा गुड़िया, सहायक समाहर्ता, श्री कुमार अनुराग, अपर समाहर्ता, श्री नंदकिशोर साह, उप विकास आयुक्त, श्री रवीन्द्र नाथ प्रसाद सिंह, सिविल सर्जन, डाॅ0 अरूण कुमार सिन्हा सहित विभिन्न प्रखंडों के वरीय प्रभारी पदाधिकारी उपस्थित रहे।
रिपोर्ट तेज़थिंक न्यूज़
 चन्द्र भूषण शांडिल /बगहा। पश्चिम चंपारण