दरभंगा का एक गर्ल्स हॉस्टल, जहां छात्राओं के कपड़े लेकर भाग जाते हैं बंदर

 दरभंगा का एक ऐसा गर्ल्स हॉस्टल, बंदर उठा ले जाता हैं कपड़े। छात्राएं डर के साए में।


दरअसल पूरे माजरे पर प्रकाश डालते चले कि कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के जनकनंदिनी पीजी गर्ल्स हॉस्टल की हालत काफी बदहाल हैं। बंदरों के आतंक से छात्राएं डर के साए में हॉस्टल में रहने को मजबूर हैं। गर्ल्स हॉस्टल में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव के बीच छात्राएं बंदरों के आतंक के साए में रहने को मजबूर हैं। महिला छात्रावास में तार की जाली से घेराबंदी नहीं की गई हैं, जिसकी वजह से हॉस्टल में बंदरों की आवाजाही लगी रहती हैं। वहीं छात्राओं को बंदरों के काटने का डर बना रहता हैं। इसका शिकार भी छात्राएं हो चुकी हैं। गर्ल्स हॉस्टल के शौचालय की स्थिति ख़राब हैं, पीने का पानी तक उपलब्ध नहीं हैं।

जनकनंदिनी पीजी गर्ल्स हॉस्टल में दिन-रात असुरक्षा का वातावरण हैं। छात्राओं के कपड़े तक बंदर लेकर भाग जाते हैं। बंदरों के आतंक के वीडियो भी कई बार वायरल हुए हैं। छात्रावास अधीक्षक डॉ साधना शर्मा द्वारा इस समस्या के निदान को लेकर उच्चाधिकारियों को मौखिक के साथ लिखित जानकारी भी दी गई। इस मामले को लेकर संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति के कहे मुताबिक वे चाहकर भी जनकनंदिनी पीजी गर्ल्स हॉस्टल के छात्राओं को करीब चार महीने से सुरक्षा एवं मौलिक सुविधाएं मुहैया कराने में अक्षय साबित हो रहे हैं। इसको लेकर राजभवन और राज्य सरकार को पत्र लिखा जाएगा। वहीं संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो शशिनाथ झा के कहे अनुसार वित्त पदाधिकारी फाइल लेकर पहुंचे थे, जिनमें समस्या का उल्लेख तो किया गया था लेकिन किन चीजों की जरूरत हैं यह नहीं लिखा था। इसका उल्लेख करते हुए काम करने का आदेश जारी कर दिया गया हैं। जल्द ही छात्राओं की समस्या दूर होगी।