सिंघेश्वर का चुनावी संग्राम: मधेपुरा की 'हॉट SC सीट' पर RJD vs JDU, कौन मारेगा बाज़ी?

 

सिंघेश्वर का चुनावी संग्राम: मधेपुरा की 'हॉट SC सीट' पर कौन मारेगा बाजी?

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल बज चुका है, और इसी के साथ मधेपुरा जिले की सिंघेश्वर विधानसभा सीट पर भी सियासी पारा चढ़ गया है। अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित यह सीट, न सिर्फ मधेपुरा बल्कि पूरे कोसी क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान रखती है। इस बार का चुनाव यहाँ सिर्फ सत्ता के लिए नहीं, बल्कि क्षेत्र के विकास और जनता के विश्वास के लिए एक बड़ा इम्तिहान है।



कब होगा मतदान और नतीजे?

सिंगेश्वर विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं का उत्साह देखने लायक होगा क्योंकि यहाँ पहले चरण में ही मतदान होना है।

  • मतदान की तारीख: 6 नवंबर 2025 (संभावित)

  • नामांकन शुरू: 10 अक्टूबर 2025 से (संभावित)

  • चुनाव परिणाम: 14 नवंबर 2025 को घोषित किए जाएंगे।

जल्द शुरू होने वाले नामांकन प्रक्रिया के साथ ही यहाँ उम्मीदवारों की दावेदारी और राजनीतिक हलचल अपने चरम पर पहुंच जाएगी।

वर्तमान विधायक और पिछली जंग का हिसाब

सिंगेश्वर सीट पर वर्तमान में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के चंद्रहास चौपाल विधायक हैं। उन्होंने 2020 के चुनाव में जनता दल यूनाइटेड (JDU) के दिग्गज नेता रमेश ऋषिदेव को एक कड़े मुकाबले में हराया था।

  • पिछला नतीजा (2020): RJD के चंद्रहास चौपाल ने JDU के रमेश ऋषिदेव को महज 5573 वोटों के अंतर से मात दी थी।

  • JDU का गढ़: 2020 से पहले, यह सीट JDU का गढ़ मानी जाती थी, जहाँ रमेश ऋषिदेव लगातार तीन बार (2010 और 2015) विधायक रहे थे।

  • इस बार का मुकाबला: इस बार भी मुख्य मुकाबला RJD और JDU के बीच ही रहने की पूरी संभावना है, हालांकि तीसरे मोर्चे का उम्मीदवार भी समीकरण बिगाड़ सकता है।

सिंगेश्वर के चुनावी मुद्दे: विकास या व्यक्तिगत समीकरण?

सिंगेश्वर एक कृषि प्रधान क्षेत्र है, जो हर साल बाढ़ की त्रासदी झेलता है। इसके अलावा, औद्योगिक विकास की कमी और युवाओं का पलायन यहाँ के प्रमुख चुनावी मुद्दे रहे हैं।

  • स्थानीय जनता की राय: मतदाता इस बार विधायक के विकास कार्यों, क्षेत्र में सक्रियता और लोगों से व्यक्तिगत व्यवहार के आधार पर अपने निर्णय ले सकते हैं।

  • मेडिकल/इंजीनियरिंग कॉलेज की मांग: युवाओं के बीच उच्च शिक्षा की सुविधाएँ जैसे मेडिकल या इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना एक बड़ी मांग है, जो चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकती है।

  • जातीय समीकरण: बिहार की राजनीति में जातीय समीकरणों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सिंगेश्वर में भी विभिन्न जातियों के वोट बैंक का संतुलन चुनावी नतीजों को प्रभावित करेगा।

गठबंधन की रस्साकशी का असर

राज्य स्तर पर NDA (जिसमें JDU शामिल है) और महागठबंधन (जिसमें RJD शामिल है) के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर जारी खींचतान का असर सिंगेश्वर जैसी सीटों पर भी देखने को मिल सकता है। मुकेश सहनी की VIP और जीतन राम मांझी की HAM जैसी पार्टियों की दावेदारी भी अंतिम समीकरणों को प्रभावित कर सकती है।

सिंगेश्वर का चुनाव इस बार बेहद दिलचस्प होने वाला है। क्या JDU अपना गढ़ वापस ले पाएगी या RJD अपनी पकड़ मजबूत रखेगी? यह तो 14 नवंबर को ही पता चलेगा, जब जनता का फैसला सामने आएगा।


आपकी राय क्या है? आपको क्या लगता है, सिंगेश्वर में इस बार कौन से मुद्दे हावी रहेंगे और जनता किसे चुनेगी? अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं!