इमदाद आलम चौसा मधेपुरा
मधेपुरा जिला प्रखंड मुख्यालय सहित ग्रामीण इलाके के मुस्लिम समुदायों के बीच शब ए बारात का त्योहार को लेकर इबादतो बंदगी का गजब का उत्साह देखा जा रहा है। इलाके के विभिन्न ईदगाह,मस्जिद व क्रबिस्तान की साफ सफाई सहित रंग रोगन कर पर्व मनाने को लेकर खासे तैयारी की है।वहीं चन्दा स्थित मदरसा मोहबतिया अलीजान शाह के मोदर्रीस मौलाना गुलाम मुरसलीन ने बताया कि अल्लाह ताला ने शब ए बरात की रात बड़ी फजीलत व बुजुर्गी अता की है। उन्होंने कहा कि अल्लाह तबारक व ताला शब ए बरात में बेपनाह रेहमतें व बरकतें नाजिल फरमाता है ।उन्होंने कहा कि इस रात को अजीम रात कहा जाता है जिसमें बन्दे व मोमिन को रोजी-रोटी का आता किया जाता है।उन्होंने कहा का इस रात में ही कौन कब मरेगा,कौन कब पैदा होगा इस चीज का फैसला किया जाता है।
शब ए बरात की रात की फजीलत
ख्वाजा ओवैस करनी रजिअल्लहा अन्नहो के नाम से इस रात में नजरो नियाज़ किया जाता है। इस रात बन्दे व मोमिन जो पूरी रात जगकर अपेन खुदा की इबादत करते हैं।और अपनी गुनाहों की मग़फ़ेरत की दुआ करते हैं।इस रात में जो बन्दे व मोमिन दो रकअत नमाज अदा करता है उसे चार सौ साल की इबादत का शबाब मिलता है।और रात में जगने के साथ साथ दिन में रोजा रखना चाहिए। हदीस में आया है कि इस रोजे की बेशुमार फजीलत है।जैसा कि सरकार ने फरमाया है जो सबान की 15वीं तारीख को रोजा रखे ,उसे जहन्नम की आग नहीं छुएगी।
त्योहार को लेकर कब्रिस्तान को साफ सफाई एवं रोशनी का प्रबंध किया जाता है। शब ए बरात की रात में बंदे व मोमिन अपने अपने मरहूम मां -बाप एवं रिस्तेदार के कब्रों पर जाकर उनके हक में दुआएं मगफेरत करते हैं। प्रखंड मुख्यालय चौसा,पैना, चंदा, फुलौत, लौआलगान,कलास,अरजपुरआदि कब्रिस्तान में साफ सफाई व्यवस्था किया गया है।