- वर्ष 2005 में कुख्यात बेचन हत्या आरोपी शंकर सिंह को पुलिस ने किया गिरफ्तार
-12महिने पूर्व दियारा मे हुई थी बेचन कि हत्या उसी केस के फरारी थे शंकर
चिरौरी के बघवा चौर मे 23 मई को वर्ष 2018 को हत्या किया मिला था बेचन का शव,केस हुई थी दर्ज
बिहारी न्यूज़,चौसा मधेपुरा
मधेपुरा जिले के चौसा दियारा इलाके के कुख्यात बेचन हत्याकांड गिरोह के शातिर शंकर सिंह को चौसा पुलिस ने गिरफ्तार कर बड़ी कामयाबी हासिल की है। करीब 12 महीने पूर्व कुख्यात बेचन यादव की गला दबाकर हत्या की गई हुई थी उस केस में हत्याकांड गिरोह के शंकर सिंह को पुलिस गिरफ्तारी के लिए वर्षो से छापेमारी कर रही थी । थानाध्यक्ष राजकिशोर मंडल ने बताया कि शुक्रवार की रात्रि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी, कि बेचन हत्याकांड के कुख्यात फरारी अभियुक्त लौआलगान खोपरिया के कुख्यात शंकर सिंह अपने गांव में किसी अन्य घटना को अंजाम देने की योजना तैयार कर रही थी । पुलिस ने टीम गठित कर शुक्रवार की रात्री ठिकाने पर छापेमारी की ।पुलिस की छापेमारी के दौरान कुख्यात भागने लगा।पुलिस ने उसे खदेड़ कर पकड़ लिया।ओर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। थानाध्यक्ष ने बताया कि 12 महीने पूर्व थाना क्षेत्र के चिरोड़ी बघवा चौर बहियार में कुख्यात बेचन यादव की हत्या किया हुआ शव मिला था।उस हत्या कांड में उसके परिजन शंकर सिंह सहित 5 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था। जिसमें शंकर सिंह सरगना गिरोह के सदस्य माने जाते हैं। जिसे पुलिस वर्षों से तलाश कर रही थी। ज्ञात हो कि शंकर सिंह के ऊपर करीब 8 से 10 हत्या,लूट,
अपरहण, रंगदारी सहित दर्जनों संगीन मामले दर्ज हैं ।उसके अपराधी इतिहास चौसा थाने म वर्ष 2005 थाना कांड संख्या 48/05 में हत्या, लुट, रंगदारी वर्ष 2016 मे लुट काण्ड अपहरण 2016 मे ही मक्के की किसानों से लेवी वसुली वर्ष 2018 मे हत्या लुट रंगदारी सहित दर्जनों संगीन मामले दर्ज है । शंकर सिंह के गिरफ्तारी के बाद इलाके भर के अपराधियों में हड़कंप मच गया हैं
- दयारा ने वर्चस्व की लेकर होती है हत्या
चौसा द्वारा इलाके में कुख्यात बेचन यादव की हत्या से पहले भी कई कुख्यात अपराध कर्मियों की हत्या हो चुकी है। हत्या के पीछे सिर्फ एक ही कारण है वह दियारा में वर्चस्व की लड़ाई। और सैकड़ों एकड़ में फैली मक्के की खेती उसके किसानों से रुपये की उगाही की जाने वाली लेवी वसूली इसमे मुख्य माना जाता है। इसी को लेकर वर्ष 2018 में कुख्यात बेचन ज्यादा हत्या कर उसके लाश को चिरोड़ी बहियार में ठिकाना लगाया गया था। माना जाता है लूट हत्या रंगदारी सहित कई संगीन मामले को जो अपराधी अंजाम देते हैं उसे में वर्चस्व गिरोह का मुख्य सरगना माना जाता है। हालांकि पुलिस अधीक्षक मधेपुरा के निर्देश पर दियारा इलाके में कई बार बाइक से फ्लैग मार्च कर अपराधियों की धरपकड़ अभियान चलाए जा चुके हैं। बावजूद इलाके में अपराधियों की बोलबाला चरम पर है। और वर्चस्व की जंग कम नहीं हो रही है उसके पीछे एक ही कारण सामने आता है वह भागलपुर भागलपुर पूर्णिया पूर्णिया और खगरिया के सीमावर्ती इलाके होने के कारण यहां अपराधियों का मुख्य बसेरा हो जाता है।