अन्नदाताओं पर मंडराया संकट का बादल


मध्यरात्रि प्रखंड क्षेत्र में हुई बारिश और तेज हवा के कारण अनन्दताओं के सामने भारी समस्या उतपन्न हो गई है । 
कोरोना संक्रमण के कारण पहले मजदूरों का नहीं मिलना और ऊपर से हुई बारिश से किसानों के सामने बहुत बड़ी परेशानी आ गई है । कई एकर में लगे गेहूं , मक्का और आलू सहित दलहन फसल पर इसका असर पड़ा है । ऐसे में किसान अपनी समस्या किसे कहे समझ से परे है । 
   किसान का मानना है कि बारिश, हवा से खेतों में खड़ी फसलों को 20 से 25 प्रतिशत नुकसान हुआ है। कृषि विभाग ने मौसम के पलटवार से हुए फसलों के नुकसान के आंकलन को टीमें भेजी हैं। मंगलवार देर रात से ही तेज हवाओं के साथ बारिश की शुरूआत हो गई। उसके बाद तेज बारिश रुक-रुककर बुधवार के सुबह तक होती रही । बारिश-हवा से सर्वाधिक नुकसान गेहूं, सरसों की फसल को हुआ है। किसानों का कहना है कि रातभर रुक-रुक हुई बारिश ने सब कुछ चौपट कर दिया है। फसलें खेतों में टूटकर बिछ गई है। इससे फसल की पैदावार प्रभावित होगी। टूटकर गिरी फसल बेकार हो गई है। मौसम के इस कहर ने किसान की कमर तोड़ दी है। किसान ने हजारों रुपये कर्जा लेकर खेतों में फसल बुवाई की है। मौसम से फसलों को काफी नुकसान हुआ है। उसकी भरपाई वह कैसे करेगा।
रिपोर्ट तेज़थिंक न्यूज़
मुकेश कुमार/सिंहेश्वर, मधेपुरा