बिहार के देव घर के नाम से प्रचलित बाबा सिंघेश्वर नाथ मंदिर में रविवार को हजारों की संख्यां में भक्त पहुंचकर अपनी हाजरी लगाई । इस दौरान सोसल डिस्टेंस का कोई पालन नहीं किया गया न ही ही सेनेटाइजर की ही जकी व्यवस्था की गई थी । वैसे भी शिव भक्तों के लिए रविवार और सोमवार का दिन बहुत ही अहम होता होता है और इस दिन हजारों की संख्यां में श्रद्धालु बाबा की पूजा करने आते हैं
- हवा हवाई थी सोसल डिस्टनसिंग-
गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार कहा गया था कि सभी मन्दिर में पूजा करने के लिए सोसल डिस्टेंस का पालन हर हाल में करना होगा । लेकिन ठीक विपरीत यहां न तो सोसल डिस्टेंस का पालन करते शिव भक्त दिखे न ही इसे लागू करने के लिए कोई अधिकारी ही दिखाई दिए । भक्तो ने मास्क भी नहीं लगाय था ।
- दिखा सावन जैसा भीड़ -
लम्बे अरसे के बाद 11 जून को बाबा का पट पहली बार खोला गया था हालांकि इन दिनों मंदिर परिसर में भक्तों मि संख्यां काफी कम दिखाई दे रही थी लेकिन पहले ही रविवार को भक्त अचानक इतनी संख्या में पहुंच गए मानो सावन का महीना हो ।
- वीआईपी सुविधा भी मिल रही थी -
कोरोना के संक्रमण को रोकने के।लिए जहां बाबा के गर्भ गृह में अर्घा में बाहर ही जल देने की व्यवस्था की गई है वहीं कुछ वीआईपी भक्तों के लिए बाबा के गर्भ गृह को खोल कर पूजा करवाने की भी व्यवस्था की गई थी । अपने वीआईपी कारनामे से बाज नहीं आने की परंपरा को तोड़ नहीं पा रहे न्यास । इन बातों जो लेकर कुछ भक्तों में आक्रोश भी देखा गया लेकिन जब तक कोई बड़ी बात होती न्यास ने मौके की नजाकत को समझ कर गर्भगृह के दरवाजा बंद कर दिया ।
- 5 बजे खोल दिया गया था मुख्य दरवाजा -
भक्तों के लिए बाबा का पट सुबह 5 बजे ही खोल दिया गया था । मुरलीगंज से पूजा करने आये राम देवी का कहना था कि कोरोना महममारी से रक्षा करने के लिए वे बाबा भोलेनाथ के पास गुहार लगाने आई थी ताकि जल्द से जल्द इस समस्या से मुक्ति मिल सके । गम्हरिया के सुमन सिंह ने कहा कि बाबा बड़े दयालु हैं वे सब ठीक कर देंगे । जबकि महेषुवा से आये पुष्पलता देवी से जब मास्क नहीं लगाने की बात पूछी गई तो उन्होंने कहा कि जब भोले बाबा के मंदिर में भी मास्क लगा कर आना है तो किस बात की पूजा रक्षक के आगे कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता ।
रिपोर्ट तेज़थिंक न्यूज़
मुकेश कुमार/ सिंहेश्वर मधेपुरा