संतो के मार्ग पर चलने से मिलती है मोक्ष :संत भगीरथ


 चौसा के मोरसंडा धानेमानेडीह  गांव में दो दिवसीय सत्यसंग का समापन




इमदाद आलम, चौसा मधेपुरा

सत्यसंग में लोगो को सतगति मिलती है,मनुष्यों अपने क्रम में महान बनता है,जीवन मे शांति पाने सत्यसंग जरूरी है। बिना सत्यसंग से मनुष्यो को ववेक संभव नहीं है ।मनुष्यों को शांति पाने का रास्ता एक है। वह सत्यसंग है।यह बड़े भाग्य से मिलता है जिसे सुनने के लिये देवता भी लालाइत रहता है।उक्त बातें चौसा प्रखण्ड क्षेत्र के मोरसंडा पंचायत अंतर्गत धानेमाने डीह में आयोजित  दो दिवसीय संतमत सत्यसंग का 37 वां जिला वार्षिक अधिवेसन के समापन के दिन महर्षि मेही परमहंस जी महाराज के परम् शिष्य संत भागीरथ जी महाराज ने प्रवचन के दौरान बोल रहे थे।उन्होंने कहा मनुष्यों को झूठ,चोरी,नशा,हिंसा और व्यविचार को दूर कर ईश्वर की भक्ति कर भवसागर से पार कर सकते है।वहीं कुप्पा घाट भागलपुर के संत प्रमोद बाबा ने प्रवचन के दौरान कहा कि शांति को प्राप्त करने वाले व्यक्ति को संत कहा जाता है संतो की भाषा,गुण, स्वभाव मृदु होती है वहीं स्वामी विवेकानंद महाराज ने कहा ईश्वर पाने के लिये संतो का संग आना जरूरी है।ईश्वर प्रत्येक जीव में निवास करते है किसी भी जीव को दुःख देना ईश्वर से दूर होने की बराबर है। वहीं सक्तप्रकाश जी महाराज,अरविंद जी महाराज आदि संतो में पहले एवं दूसरे दिन के सत्यसंग में प्रवचन से माध्यम में लोगो के बीच भक्ति मय माहौल में तब्दील हो गया था।ज्ञात हो कुप्पा घाट के वर्त्तमान आचार्य पूज्यपाद महर्षि हरिनंदन जी महाराज का  जिला वार्षिक इस अधिवेशन में आना तय था।लेकिन उनकी स्वास्थ्य अचानक बिगर जाने के कारण वे सत्यसंग में शामिल नहीं हो सकी जिससे आये हुये सर्द्धालुओ के बीच निराशा देखा गया।हालांकि उनके जगह भगीरथ जी महाराज दूसरे दिन सत्यसंग में कई संतो के साथ सत्यसंग मे भाग लिये।आयोजक मंडल सत्यसंग मर द्वारा भव्य पंडाल,
पेयजल,भोजनालय ओर संतो की ठहराने की काफी  पुख्ता इंतजाम की गई।
आयोजक कमिटी के सदस्य शंकर  मंडल,
ब्रह्मदेव मंडल, मनोहर मंडल, विसुंदेव शर्मा, जिला परिषद सदस्य अनिकेत कुमार मेहता, मुखिया विद्यानंद पासवान , सरपंच रतन शर्मा,  पूर्व सरपंच सिकंदर मंडल, वकील मंडल जीवन ज्योति जनार्दन मंडल अरुण मेहता आदि दर्जनों कार्यकर्ता एवं हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।