सुप्रीम कोर्ट से बिहार के साढ़े 3 लाख शिक्षकों को लगा तगड़ा झटका

राज जायसवाल, सीवान


सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के साढ़े 3 लाख नियोजित शिक्षको के उम्मीदो को झटका देते हुऐ समान काम के बदले समान बेतन  देने पड़ रोक लगा दी है उच्चतम न्यालय ने शिक्षको की समान काम के बदले समान वेतन की माँग को यह कहते हुए ठुकरा दिया है कि नियोजित शिक्षको समान काम के बदले समान बेतन  समान बेतन के कैटगरी मे नही आते है उन्हे समान बेतन नही दिया जा सकता है सुर्पीम कोट ने शुक्रवार हुए इस मामले मे सुनवाई करते हुए बिहार सरकार को राहत देते हुए शिक्षको की समान काम के समान बेतन देने से मना कर दिया हम आपको बता दे कि इस मामले मे पटना हाईकोट ने शिक्षको के हक फैसला सुनाया था लेकिन राज्य सरकार ने इस फैसले के खिलाफ था उसके बाद बिहार सरकार ने फैसले के विरोध मे सुर्पीम कोट मे याचिका दाखिल किया था सुर्पीम कोट ने इस मामले को लेकर पहले 11 याचिकाओ पड़ सुनवाई की थी जिसके बाद 3 अक्टुबर को फैसला सुरक्षित रख  लिया था इस दौरान उच्चतम न्यालय ने राज्य सरकार से स्पष्ट कहा था कि नियोजित शिक्षको को समान काम के बदले समान बेतन नही दिया जा सकता केन्द्र सरकार ने इस फैसले का स्वागत भी किया था और केन्द्र सरकार ने 36  पेजो का हलफनामा दिया था जिसमे पाया गया कि इन्हे समान काम के बदले समान बेतन नही दिया जा सकता क्यो कि समान काम के बदले समान बेतन समान बेतन के कैटगरी मे नही आता सुर्पीम कोट के जास्टिस अभय मनोहर और जस्टिस ललित ने सुनवाइ के दौरान कहा की बिहार सरकार के  साढ़े तीन लाख शिक्षक समान बेतन के कैटगरी मे नही आते है ।आपको बता दे कि बिहार सरकार ने इस मामले को लेकर कहा था कि अगर नियोजित शिक्षक के समान काम के समान वेतन देने पड़ पर सलाना करीब 36998 करोड़ का अतिरिक्त खर्च का भाड़ राज्य सरकार पड़ेगा दरअसल बिहार मे समान कार्य के बदले समान बेतन के लिए नियोजीत शिक्षक बहुत दिनो से आदोंलन कर रहे है ।