रिहायशी क्षेत्र की तरफ घड़ियालों ने किया रुख, लोगो की बढ़ी परेशानी


 वाल्मीकि टाइगर रिजर्व  के बीच से बहने वाली नारायणी गंडकी नदी में दर्जनों मगरमच्छ और घड़ियाल का आशियाना है। बीते एक माह से गंडक नदी के जलस्तर में डी पॉन्डिंग के कारण जलस्तर बिल्कुल नहीं के बराबर है, जिस कारण नदी के पानी में अपना आशियाना बनाए घड़ियाल और मगरमच्छो को संकट के दौर से गुजरना पड़ रहा है। पानी रूपी आशियाने की तलाश में मगरमच्छ और घड़ियाल रिहायशी क्षेत्रों की तरफ रुख कर  रहे हैं। इसी क्रम में शुक्रवार की शाम गंडक नदी के लव-कुश घाट में नदी के गर्भ से एक मगरमच्छ बाहर आ गया, जिसे देख कर लव-कुश घाट शिव मंदिर के नजदीक ग्रामीणों में दहशत मच गई। ग्रामीणों द्वारा इसकी सूचना वन विभाग को दी गई सूचना पर पहुंचे वन कर्मियों ने मगरमच्छ का सुरक्षित रेस्क्यू कर गंडक नदी के पानी में छोड़ दिया। वहीं दूसरी तरफ  थाना क्षेत्र के चंपापुर गोनौली पंचायत के एतिहाशिक नंदी भौजी पोखरा में कई दिनों से तालाब में डेरा जमाए एक मगरमच्छ को वन कर्मियों ने पहुंचकर रेस्क्यू किया और उसे गंडक नदी में सुरक्षित छोड़ दिया। इस बाबत पूछे जाने पर वाल्मीकि नगर रेंजर महेश प्रसाद ने बताया कि मगरमच्छ और घड़ियाल जलीय जीव है। नदी के पानी के स्तर में गिरावट दर्ज की जा रही है, इस कारण रास्ता भटक कर रिहायशी क्षेत्र में पहुंच जाते हैं।  ग्रामीणों से अपील है कि वे सतर्क और सजग रहें।
रिपोर्ट तेज़थिंक न्यूज़
चन्द्र भूषण शांडिल्य/बगहा पश्चिम चंपारण