केरोना वारियर्स: नन्हे हाथों ने रोजा रख मांगी दुआ


एक तरफ तब्लीगी को लेकर जहां पुरे देश मे कोरोना फैलाने की चर्चा आम है वहीं बगहा के कुछ नन्हे बच्चो ने एक नयी मिसाल कायम की है। रमजान के पवित्र माह में रोजा रखकर अपने लिए नहीं बल्कि देश की सलामति की दुआ कर रहे हैं। खिलौनो के साथ खेलने की उम्र में मस्जिद में नमाज पढ कोरोना जैसी महामारी से देश को बचाने की दुआ कर रहे हैं। जी हां ये बच्चे हैं बगहा दो प्रख्ंाड के नरवल बरवल पंचायत के। नरवल बोरवल  पंचायत के बोरवल मस्जिद शहीदिया में इन बच्चो ने रोजा रखकर कोरोना से देश को बचाने के लिए कुरआन पढकर दुआ मांगी। मस्जिद के मौलाना समीउल्लाह कासमी ने बताया कि  जब बच्चांे ने इस बावत  उन्हें बताया कि वे सिर्फ इसको लेकर रोजा रख रहे हैं कि अल्लाह से कोरोना माहामारी दूर करने के लिए दुआ मांगना है। सुनकर सहज ही विश्वास नहीं हुआ। उनको समझाने की कोशिश भी की। लेकिन उन बच्चो के हौंसले अडिग थे। इस गर्मी की महामारी में भूख प्यास को झेलते हुए भूखे प्यासे बच्चे पूरे दिन रोजा रखकर कुरआन की तिलावत करते हुए अपने मुल्क में फैल रही कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के लिए अल्लाह से दुआ कर रहे हैं । बच्चों से पूछने पर उन्हों ने बताया कि वे लोग इसलिए रोजा रहकर कुरआन की तिलावत कर रहे हैं कि उनका अल्लाह उनसे नाराज है। जिसके कारण पूरे मुल्क में कोरोना जैसी महामारी फैली हुई है । इसलिए वे लोग अल्लाह से हाथ उठाकर दुआ कर रहे हैं कि अल्लाह इस बीमारी से हमारे पूरे मुल्क की हिफाजत फरमाए। दुआ कर तिलावत करने वाले बच्चों में,नोमान समी, मोहम्मद गुफरान,शमशे आलम,मोनाजिर हुसैन,शामिल थे।
रिपोर्ट तेज़थिंक न्यूज़
चन्द्र भूषण शांडिल्य/बगहा चंपारण