फुलौत में तीन दिवसीय महर्षि मेंही महायज्ञ एवं संतमत सत्संग का हुआ समापन


इमदाद आलम, चौसा मधेपुरा


सत्संग हीं बैकुण्ठ हैं यहाँ प्रभु का यशोगान होता है,आत्मा को गुरुवचनो की खुराक मिलती है और सकारात्मक भावनाएं जागृत होती है।उक्त बातें चौसा के फुलौत पश्चिमी पंचायत के ज्वालामुखी कांतलाल मेहता उच्च विद्यालय के मैदान में परम संत बाबा देवी साहब के  100 वाँ पूण्य स्मृति पर महर्षि मेंहीं महायज्ञ एवं संतमत सत्संग का तीन तीसरे दिन स्वामी निर्मल आनंद महाराज ने  प्रवचन में कहीं।उन्होनो कहा सत्यसंग में सतगति मिलती है सत्यगति से मोक्ष मिलता है। उन्होंने कहा कि सत्यसंग  ही चिंतन पवित्र रास्ता है जिससे मनुष्य का आचरण और व्यव्हार का भी शुद्धिकरण हो जाता है और सदगुरु चरण में अनुराग दृढ होने लगता है। सत्संग से ही सुमति आती है और कुमति जाती है सत्संग मन को शुद्ध करके विचारधारा को सकारात्मक बनाता है। परम संत बाबा देवी साहब के 100 वां पुण्य स्मृति पर महर्षि महायज्ञ संतमत सत्संग के इस आयोजन में कई संत महात्माओ ने हिस्सा लिया। महाराज स्वामी आत्मानंद जी महाराज ने भी अपने प्रवचनों से भक्तों का आत्मरंजन किया। आयोजन कमेटी के अध्यक्ष स्वामी विनय बाबा, कोषाध्यक्ष पंकज मेहता, ललन कुमार उर्फ लालु आदि की उपस्थिति देखी गयी।